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लड़की को ‘आइटम’ कहना पड़ा महंगा, कोर्ट ने सुनाई डेढ़ साल कारावास की सजा, कोर्ट ने कहा ‘सड़क छाप रोमियो’ को सबक सिखाना जरूरी

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मुंबई । मुंबई की एक विशेष अदालत ने नाबालिग लडक़ी से छेड़छाड़ के मामले में एक व्यक्ति को डेढ़ साल कैद की सजा सुनाते हुए कहा कि किसी भी लडक़ी को ‘आइटम’ कहना आपत्तिजनक है। अदालत ने यह आदेश 20 अक्टूबर को पारित किया था। दोषी के खिलाफ नरमी बरतने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि महिलाओं को इस तरह के अवांछित व्यवहार से बचाने के लिए ऐसे ‘सडक़ छाप रोमियो’ को सबक सिखाना जरूरी है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) संबंधी मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश एजे अंसारी ने 16 वर्षीय लडक़ी को ‘आइटम’ बुलाने और उसके बाल खींचने के मामले में 25 वर्षीय व्यक्ति को उसकी गरिमा भंग करने का दोषी पाया। यह वाकया 14 जुलाई 2015 में उपनगरीय मुंबई में लडक़ी के घर के पास हुआ था, जब वह स्कूल से लौट रही थी। लडक़ी की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी का जानबूझकर लडक़ी के बाल पकडऩा और खींचना और उसे ‘आइटम’ बुलाना साबित करता है कि उसने लडक़ी की गरिमा भंग की। दालत ने कहा कि आरोपी का व्यवहार ‘पूरी तरह आपत्तिजनक’ था। आदेश में कहा गया कि आरोपी ने उसे ‘आइटम’ कहकर बुलाया, इस शब्द का इस्तेमाल लडक़े आमतौर पर लड़कियों को अपमानजनक तरीके से संबोधित करने के लिए करते हैंज् यह स्पष्ट तौर पर लडक़ी की गरिमा भंग करने के उसके इरादे को जाहिर करता है। न्यायाधीश ने कहा कि किसी भी लडक़ी के लिए ‘आइटम’ शब्द का इस्तेमाल करना स्वाभाविक रूप से अपमानजनक है। अदालत ने कहा कि आरोपी के प्रति नरमी नहीं बरती जा सकती क्योंकि मामला सडक़ पर एक नाबालिग लडक़ी से बदसलूकी का है। अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों से कठोरता से निपटा जाना चाहिए ताकि ऐसे ‘सडक़ छाप रोमियो’ को सबक सिखाया जा सके और महिलाओं को उनके अनुचित व्यवहार से बचाया जा सके।

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