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फेक बिल बनाकर करोड़ो का फर्जीवाड़ा, जीएसटी की टीम ने रायपुर के फर्म में मारा छापा, एक गिरफ्तार

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रायपुर । फर्म में किसी भी प्रकार के माल या सेवाओं की आपूर्ति किए बिना बड़े पैमाने पर फर्जी बिल बनाने और नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने का काम कर रहे मैसर्स यूनाइटेड इस्पात, रायपुर में केंद्रीय जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क ने गोपनीय सूचना के आधार पर बड़ी कार्रवाई की है। जांच में पता चला कि सौरभ अग्रवाल मैसर्स यूनाइटेड इस्पात के नाम से फर्जी फर्म के निर्माण और संचालन के पीछे मास्टरमाइंड है. मैसर्स यूनाइटेड इस्पात ने ओड़ीशा और छत्तीसगढ़ में स्थित विभिन्न फर्मों से 15.32 करोड़ रुपए का नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया और किसी भी प्रकार के माल और सेवाओं की आपूर्ति किए बिना अन्य फर्मों को 16.94 करोड़ रुपए का नकली क्रेडिट पारित किया। सौरभ अग्रवाल सभी गतिविधियों को संचालित कर रहे थे और फर्जी लेनदेन के मुख्य लाभार्थी पाए गए है.
जानकारी के अनुसार सौरभ अग्रवाल को 21 फरवरी 2023 को केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 69 (1) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया और अदालत के समक्ष पेश किया गया. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपी को 14 दिनों की रिमांड मंजूर किया है। इसके अलावा गोपनीय सूचना के आधार पर बड़ी संख्या में संदिग्ध करदाताओं ने छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर संचालित फर्जी फर्मों द्वारा जारी किए गए नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है, 147 संदिग्ध करदाताओं की वास्तविकता का पता लगाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया और ऐसे सभी करदाताओं का भौतिक सत्यापन किया गया. यह भौतिक सत्यापन रायपुर सीजीएसटी आयुक्तालय के अधिकारियों द्वारा एक ही दिन में किया जिसमें बिना आपूर्ति किए इन्वोइस जारी करने वाले 73 फर्जी पार्टियों की पहचान की गई। इन सभी करदाताओं का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है।

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