Home छत्तीसगढ़ बेरोजगारी भत्ते पर भारी भिड़ंत, असंतुष्ट विपक्ष का बहिर्गमन

बेरोजगारी भत्ते पर भारी भिड़ंत, असंतुष्ट विपक्ष का बहिर्गमन

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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान बेरोजगारी भत्ते से जुड़े सवाल को लेकर गंभीर बहस के साथ ही तीखी नोंकझोंक हुई। अध्यक्ष चरणदास महंत ने कई बार दोनों पक्षों को निर्देश दिए। प्रदेश में रोजगार और पंजीकृत बेरोजगार को लेकर भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से सवाल किया कि प्रदेश के रोजगार पंजीयन कार्यालयों में कितने पंजीकृत नवीन रोजगार चाहने वाले एवं रोजगार बदलने वालों द्वारा पंजीयन कराया गया है? वर्ष 2019- 20 से लेकर 2022-23 तक वर्षवार बतायें? इन वर्षों में बेरोजगारी दर क्या थी?बेरोजगारी दर की किस आधार पर, किन किन संस्थाओं द्वारा रिपोर्ट दी गई थी? विभाग द्वारा रोजगार हेतु क्या क्या आयाम तय किये गए हैं और किन किन आयामों में कुल कितने पंजीकृत रोजगार चाहने या रोजगार बदलने वालों को रोजगार दिया गया है? क्या सीएमआईई के आंकड़ों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वीकार या मान्यता दी गई है? यदि हां तो इस संस्था ने किस आधार पर मूल्यांकन किया है और बेरोजगार की परिभाषा क्या दी है? तथा इनके विज्ञापनों पर कितनी राशि व्यय की गई है?31.01.2023 की स्थिति में कितना प्रतिशत बेरोजगारी दर है और 0.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर के हिसाब से राज्य में कितने लोग बेरोजगार हैं?
अजय चंद्राकर ने मंत्री उमेश पटेल के जवाब में विरोधाभास बताते हुए सवाल किया कि जिस एजेंसी को मान्यता नहीं दी गई है, उसके आंकड़ों पर विज्ञापन कैसे दिए? क्या उस एजेंसी के मूल्यांकन पर यहां चर्चा की जा सकती है। चंद्राकर ने कई सारे पूरक प्रश्न किये, जिनका सत्ता पक्ष ने विरोध किया। इस पर अध्यक्ष चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य का मामला है। जितने पूरक प्रश्न होंगे, उन्हें अनुमति देंगे। अध्यक्ष ने रोजगार कार्यालयों को सक्षम बनाने के बारे में भी टिप्पणी की। इस बीच पक्ष विपक्ष के बीच टकराव चलता रहा। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से वक्तव्य देने कहा तो उन्होंने सर्वे से लेकर जनगणना तक पर टिप्पणी की। विपक्ष ने जमकर विरोध करते हुए बहिर्गमन किया।

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