जशपुर । जशपुर जिले से बड़ी खबर है। दल से बिछड़े मादा हाथी शावक की आज भोर मे लगभग 3 बजे मौत हो गई है। दो दिन पहले तपकरा वन परिक्षेत्र के मृगखोल गांव मे मादा शावक घुस आया था। गांव मे शावक को देखकर ग्रामीणो ने वन विभाग को इसकी सूचना थी, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारी शावक के देख-रेख मे लगे हुए थे। मादा शावक 15 मार्च की सुबह अपने दल से बिछड़ कर मृगखोल गांव मे घुस आया था।
आज भोर मे तीन बजे मादा शावक के मौत के बाद वन विभाग ने मादा हाथी शावक की विधिवत पीएम कराया। पीएम कराने के बाद मादा शावक को नियम के मुताबिक मृगखोल जंगल मे ही दफनाया गया है।
जशपुर जिले के तपकरा क्षेत्र में नन्हा हाथी अपने दल से भटक कर गांव में आ गया था। दल से बिछड़े मादा हाथी शावक ने वन कर्मियों की परेशानी बढ़ा दी थी। वन विभाग हाथी शावक की सतत निगरानी करने में लगा हुआ था। और उसे दल से मिलाने की तैयारी में जुटा हुआ था। ग्रामीणों में हाथी के शावक को देखने की होड़ मची हुई थी।
वन मंडल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने हाथी शावक की रात और दिन को सतत निगरानी करने के लिए वन कर्मियों के दो अलग-अलग दल तैनात किये थे। बावजूद मादा शावक की मौत हो गई। इस संबध मे डीएफओ से उनके मोबाईल नम्बर पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
ऐसी संभावना है कि राज्य की सीमा से लगा जंगल के किनारे पत्तों में आग के चलते अपने हाथियों के दल से यह शावक भटक गया होगा। इसी वजह से शावक तपकरा क्षेत्र के मृगखोल गांव के आसपास में विचरण कर रहा था।
चार माह पहले भी बिछड़ा था शावक :
इस घटना के 4 माह पहले भी एक अन्य हाथी शावक अपने दल से बिछड़ कर तपकरा का समडमा गांव आ गया था। वन विभाग को उसे विश्राम गृह में पशुचिकित्सक की देखरेख में रखना पड़ा था, उस नन्हे शावक को भी हाथियों के दल से मिलवाने के सभी प्रयास विफल हो जाने के बाद, अंतत: तमोर पिंगला हाथी सरंक्षण गृह में भेजा गया था।