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जशपुर जिला में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत गर्भवती महिलाओं को 9 माह योग अभ्यास करवाया जाएगा

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जशपुर । कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय स्वास्थ्य समिति की बैठक ली और संस्थागत प्रसव, टिकाकरण, उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन ,उनको समय पर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना, आयुष्मान , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाएं,सिकल सेल मरीजों को उपचार, मुख्यमंत्री हाटबाजार क्लिनिक योजना की प्रगति, एनीमिया मुक्त अभियान, कुष्ठ अभियान, मोतियाबिंद ऑपरेशन की प्रगति, चिरायु टीम के द्वारा गंभीर दिल के बीमारी से ग्रसीत बच्चों का चिन्हांकन, सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तार से समीक्षा किए ।

इस अवसर पर यूनिसेफ से डां गजेन्द्र, डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रंजीत टोप्पो, डीपीएम स्मृति एक्का, सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारी और बीपीएम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

कलेक्टर डॉ रवि मित्तल ने सभी विकास खंड चिकित्सा अधिकारीयों को निर्देश देते हुए कहा कि जशपुर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने संस्थागत प्रसव का लाभ हर गर्भवती महिलाओं को देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास खंड वार प्रत्येक गांव के गर्भवती महिलाओं का शतप्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करें। और गांव की एनएम और मितानिन के माध्यम से हर माह गर्भवती महिला का चेकअप करते रहे। और दवाईयां भी नियमित देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक महिला का संस्थागत प्रसव नहीं हो जाता तब तक नियमित निगरानी बनाकर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जशपुर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को योगा अभ्यास करवाने के लिए पायलेट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जिसके के माध्यम से शुरू में 50 गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन किया गया है। जिनको योगा प्रेरक के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को 9 माह योग का अभ्यास करवाया जाएगा । ताकि डिलवरी के समय जच्चा और बच्चा सुरक्षित रह सके।

कलेक्टर ने कहा कि योग अभ्यास का मुख्य उद्देश्य है कि गर्भावस्था के समय महिला का शरीर कई प्रकार के परिवर्तनों से गुजरता है। जो तनाव शारीरिक और मानसिक स्तर पर उत्पन्न करता है। ग्रामीण अथवा दुर्गम क्षेत्रों में गर्भावस्था के दौरान रखें जाने वाले सावधानी तथा किए जाने वाले शारीरिक अभ्यास की जानकारी जनसामान्य को नहीं होती है। इसी उद्देश्य को लेकर गर्भवती महिलाओं को योगा अभ्यास करवाया जाएगा।

यूनिसेफ के डां. गजेन्द्र ने गर्भावस्था के दौरान योगा अभ्यास के लाभ के बारे में जानकारी दी। शारीरिक शक्ति को बढ़ाना,पीठ के नीचले हिस्से के दर्द को कम करना,मितली उल्टी होने जैसी स्थिति को कम करना सर दर्द को कम करना, वजन में सामान्य रूप में वृद्धि करना, मधुमेह में नियंत्रण,समय से पूर्व प्रसव को रोकना। उन्होंने बताया कि योग के मानसिक लाभ भी है। मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि, चिन्ता तनाव को कम करना, उचित नींद प्राप्त करना,प्रसव से पहले खतरे को कम करना योगा अभ्यास के अन्य लाभ भी है । जैसे प्रसव से पहले बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास को रोकने वाले खतरों को कम करना शामिल है।

कलेक्टर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को योगा अभ्यास करवाने में योग प्रेरक की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और केवल महिलाओं के द्वारा ही योगा अभ्यास करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि योग प्रेरक को चिन्हांकन करने के बाद राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रेरक का टेस्ट भी लिया जाएगा और उन्हें गर्भावस्था के दौरान करने वाले योग के संबंध में विशेष जानकारी दी जाएगी। साथ ही विशेष सावधानी बरतने की भी सलाह दी जाएगी।

योग प्रेरक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में माह में 20 दिन गर्भवती महिलाओं को योग प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले गर्भवती महिलाओं का सामान्य रिकार्ड रखना तथा कार्यक्रम की जानकारी कार्यकर्ता देंगी। बैठक में बताया गया कि मितानिन का कार्य अपने क्षेत्र के गर्भवती महिलाओं के घर जाकर कार्यक्रम की जानकारी देना तथा इस बात की पुष्टि करना की महिलाओं घर पर भी उचित योगा अभ्यास कर रहीं हैं या नहीं इसके साथ ही योग निरीक्षण भी नियुक्त किए जाएंगे।जिनका कार्य छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा जिला स्तर पर एक योग निरीक्षक नियुक्त किया जाएगा और राज्य स्तरीय योग समन्वयक द्वारा नियमित निगरानी बनाकर रखी जाएगी।

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