दुर्ग । आज भी अंधविश्वास का जहर लोगों की जान पर बना हुआ है। विज्ञान के इस युग मे भी लोग अपने सगे रिश्ते पर भी कई आरोप महज शंका के आधार पर मढ़ रहे है। ऐसा ही मामला दुर्ग जिले में निकलकर सामने आया है जहां एक सामूहिक परिवार की महिला को टोनही बताकर उसे झाड़ फूं क के नाम पर नुकीले किलो और धधकते अंगारों पर चलाया गया। जख्मी महिला के शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जो अपराध दर्ज किए गए वे नाकाफी थे। महज 2 दिन में ही सभी आरोपी जेल से बाहर हो गए।
जख्मी महिला न्याय की गुहार लगा रही है , वहीं पुलिस की कमजोर विवेचना पर अधिवक्ताओं ने पुलिस के खिलाफ ही अपराध दर्ज कराने की मांग की है। 3 दिन पूर्व जेवरा सिरसा पुलिस चौकी अंतर्गत ग्राम करहिडीह की पीडि़त महिला ने शिकायत किया कि उसे टोनही कहकर कई महीनों से प्रताडि़त किया जा रहा था, लेकिन हद तो तब हो गई जब वे ही आरोप लगाने वाले जेठानी देवरानी और देवर उसे एक तांत्रिक के पास ले गए, जहां उसे नाबालिग तांत्रिक ने पहले तो नुकीले किलो पर चलाया उसके बाद उसे धधकते अंगारों पर 12 बार आरपार होने कहा गया।
महिला ने अपने आपको टोनही ना होने का सबूत देने नंगे पांव अंगारों पर तड़प-तड़पकर चलते रही। महिला के पाव में फफोले ही फफोले पड़ गए उसके बाद भी महिला के भीतर बैठे टोनही को भगाने 2 दिन बाद किसी अन्य तांत्रिक के पास ले जाने की बात नाबालिग तांत्रिक ने की। घर वापस लौटने के बाद पीडि़त महिला ने बहुत मजबूर होकर इसकी शिकायत जेवरा सिरसा पुलिस चौकी में जाकर की,,पुलिस ने महिला की शिकायत पर 4 आरोपियों के खिलाफ टोनही उत्पीडऩ के तहत अपराध दर्ज किया। इसके साथ ही उसे आग पर चलाकर प्रताडि़त किये जाने पर महज मामूली धाराएं लगाई। पुलिस की ढीली विवेचना से आरोपियों को महज 2 दिन में ही कोर्ट से जमानत मिल गई, जबकि पीडि़त महिला का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।