बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के दयालबंद निवासी छेदीलाल कश्यप ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। छेदीलाल शिक्षा पब्लिक स्कूल का संचालन किया करते थे, इसके अलावा शिखा वाटिका के नाम पर उनका मंगल भवन भी संचालित होता था। छेदीलाल ने अपने पुराने निर्माणाधीन दफ्तर में फांसी लगाकर खुदकुशी की है, जहां से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है, जिसमें जमीन और संपत्ति विवाद का जिक्र है, तो बड़े बेटे-बहू और उसके रिश्तेदार का नाम लिखा हुआ है।
छेदीलाल की उम्र तकरीबन 68 साल हो चुकी थी, उनके तीन बेटे हैं। पुलिस के मुताबिक स्कूल, मंगल भवन के अलावा उनका एक हॉस्टल भी है। जानकारी के मुताबिक मंगल भवन के पास ही एक नया ऑफिस बन रहा है। शुक्रवार की शाम पुलिस को जानकारी मिली कि छेदीलाल की लाश निर्माणाधीन ऑफि स के अंदर फंदे पर लटकती मिली है। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई।
इस दौरान पूछताछ करने पर पता चला कि वह दोपहर में ऑफिस देखने के लिए निकले थे। उसकी 5 साल की पोती दोपहर करीब दो बजे उन्हें बुलाने के लिए गई, तब ऑफिस के अंदर उसके दादा का शव फांसी पर लटका हुआ दिखाई दिया। इसे देखकर वो चिल्लाती हुई बाहर आई और परिजनों को इसके बारे में बताया।
जांच के दौरान पुलिस ने पुराने ऑफिस की तलाशी ली, तब दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला। जिसमें छेदीलाल ने अपने बड़े बेटे और बहू के साथ ही उसके रिश्तेदार जोकि आदतन बदमाश है इनका नाम लिखा है। सुसाइड नोट के अनुसार ससुरालवालों के साथ मिलकर बेटा-बहू उसकी संपत्ति पर कब्जा करना चाह रहे थे। और हिस्सा देने के लिए दबाव डाल रहे थे। जमीन व संपत्ति को लेकर उनके साथ पहले से विवाद चल रहा था। टीआई प्रदीप आर्य के अनुसार हैंड राइटिंग मिलाने करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।