रायपुर । छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों में शराब प्रेमी इन दिनों काफी निराश नजऱ आ रहे हैं…. कारण यह है कि उनके पसंदीदा ब्रांड का शराब उन्हें नहीं मिल पा रहा है । बात करें राजधानी रायपुर में इन दिनों शासकीय शराब दुकानों से ब्रांडेड कंपनियों की शराब और बीयर लगभग गायब हो चुकी है। पिछले दो सप्ताह से जिले की सभी शासकीय दुकानों में ब्रांडेड कंपनियों की नही शराब मिल रही है और न ही बीयर । इसके कारण शराबियों को मजबूरी में ब्रांडेड छोडक़र लोकल ब्रांड की शराब और बीयर से ही काम चलाना पड़ रहा है।
आखिर मदिरा प्रेमी निराश क्यों है इसका पता लगाने के लिए शहर की आधा दर्जन से अधिक शराब दुकानों में जाकर पड़ताल की तो पता चला कि इन शराब दुकानों में पिछले करीब दो सप्ताह से कई ब्रांडेड कंपनियों का स्टॉक ही नहीं है। खासकर बीयर में ब्रांडेड कंपनियों का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो गया है। लोग मजबूरी में सिम्बा, कंगारू ब्रांड की बीयर खरीद रहे हैं।
इस मामले में जवाब देने से आबकारी अधिकारी भी बचते नजर आ रहे हैं। आबकारी विभाग के अधिकारियो का कहना है कि उन्हें अभी इसकी जानकारी नहीं है।
स्थानीय कंपनी को फायदा
ईधर ब्रांडेड कंपनियों की शराब और बीयर का स्टॉक खत्म होने का फायदा स्थानीय कंपनियों को मिल रहा है। ब्रांडेड की जगह स्थानीय ब्रांड की शराब और बीयर जमकर खप रही है। इससे स्थानीय कंपनियों के माल की बिक्री भी तीन से चार गुना बढ़ गई है। सिम्बा और कंगारू अब तेरा सहारा
राजधानी की दुकानों में ब्रांडेड शराब नहीं उपलब्ध होने के कारण अब सिर्फ सिम्बा और कंगारु का स्टॉक खटवायजर, किंगफिशर, फाइव थाउजेंड गॉडफादर, ट्यूबोंग, हेनकेन जैसी कई ब्रांडेड कंपनियों की बीयर शासकीय शराब दुकानों में बेची जाती है, लेकिन पिछले करीब एक माह से प्रदेश में इन ब्रांडेड बीयर की सप्लाई लगभग बंद हो गई है। इसका कारण पूछने पर अधिकारी भी नहीं बता रहे है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग ही ब्रांडेड कंपनियों के बीयर को खरीदी कम कर दी है। इसके कारण सप्लाई भी नहीं हो रही है। सप्लाई कम होने से शराब दुकानों में ब्रांडेड कंपनियों की बीयर नहीं मिल पा रही है।
स्कैन नहीं ओवर रेटिंग ज्यादा
ब्रांडेड कंपनी हो या लोकल, सभी शराब और बीयर की बोतल में क्यूआर कोड स्कैन कर बेचने की अनिवार्यता की गई है। शासकीय शराब दुकानों में इस नियम का भी पालन नहीं किया जा रहा है या यूं कहे कि शासकीय शराब दुकानों में अवैध रूप से शराब और बीयर बेची जा रही है। दुकान के सेल्समैन बिना क्यूआर कोड स्कैन किए ही शराब और बीयर की बिक्री कर रहे है। ऐसे में कितनी शराब और बीयर की बिक्री दुकान से हुई, इसका डाटा भी नहीं मिल पाएगा, जिसका सीधा फायदा शराब दुकान के कर्मचारियों एवं कंपनियों को हो रहा है।
साथ ही साथ लोकल शराबों को भी अधिक कीमतों में बेची जा रही है क्योंकि शराब की बोतलों में एमआरपी रेट गायब है।