रायपुर । आज पूरे संसार में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा तेजी से बढ़ गया है। विश्व के सभी देशों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज 08 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
धरती पर जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जल है और महासागर जल का अथाह भंडार है। बावजूद इसके हम महासागरों की उपेक्षा कर इसे रोजाना प्रदूषित कर रहे हैं। धरती पर बढ़ते तापमान की चिंता अब विश्व स्तर पर होने लगी है। ग्लोबल वार्मिंग इसका सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण है। धरती से उत्पन्न गर्मी सीधे वायुमंडल में पहुंचती है और इसे संतुलित करने का काम महासागर करता है। इससे वायुमंडल और धरती पर ऊष्मा के दबाव में कमी आ जती है। इसके साथ ही महासागर की धरती के पर्यावरण की कई अहम प्रक्रियाएं और पारिस्थितिकी तंत्रों को संतुलित रखने में बड़ी भूमिका है। विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य महासागरों पर मानवीय कार्यों के प्रभाव को लेकर लोगों को जागरूक करना है। ताकि नागरिकों के एक विश्वव्यापी आंदोलन को विकसित किया जा सके और महासागरों के स्थायी प्रबंधन के लिए एक परियोजना पर दुनिया को एकजुट किया जा सके। पहली बार विश्व महासागर दिवस का 8 जून 1992 को रियो डी जनेरियो में ग्लोबल फोरम में प्रस्ताव रखा गया था।