Home छत्तीसगढ़ टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने महुआडीह में बाल विवाह कराई स्थगित

टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने महुआडीह में बाल विवाह कराई स्थगित

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जशपुर। जिला कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिले में बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बी. डी. पटेल के पहल से 24 अप्रैल 2024 को महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड हेल्प लाईन एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त टास्क फोर्स को बाल विवाह होने की सूचना मिली कि बगीचा विकासखण्ड के ग्राम-महुआडीह में एक बालिका का विवाह 29 अप्रैल 2024 को तय किया गया था। किन्तु बालिका का दाखिल खारिज के अनुसार जन्म तिथि 13 अप्रैल 2007 है। जिसके आधार पर बालिका का उम्र-17 वर्ष 11 दिन होना पाया गया। बालिका के माता पिता की सहमति से विवाह स्थगित किया गया। बालिका के माता पिता द्वारा बताया गया कि कानूनी अज्ञानता के कारण शादी करने की बात कही गयी। बाल विवाह रोकने के दौरान संयुक्त टास्क फोर्स श्रीमती मनोरमा टोप्पो व श्रीमती जेनेबिवा लकड़ा पर्यवेक्षक, श्रीमती नीलू एक्का, सामाजिक कार्यकर्ता, श्री अमित तिडू व श्री नेम्हास एक्का टीम मेम्मबर, श्रीमती पुन्नी यादव प्राधान आरक्षक, श्री सुनिल मिंज आरक्षक, श्रीमती कविता देवी ग्राम पंचायत सरपंच, श्रीमती विराजनी बाई ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं द्वारा कार्यवाही की गयी।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री चन्द्रशेखर यादव द्वारा बताया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह से बच्चों के सर्वागीण विकास प्रभावित होता है। बाल विवाह रोक-थाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है। जिसमें लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष निर्धारित की गयी है। अधिनियम के तहत् बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता पिता, सगे संबंधी, बाराती यहॉ तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही किया जाना प्रावधानित है। अधिनियम के तहत् 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख का जुर्माना अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।

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