जशपुर । प्रभारी BEO का डिमोशन कर प्रभारी प्रिंसिपल को BEO की कुर्सी पर बैठा दिया गया है। जशपुर जिले में जुगाड़ तंत्र का बोलबाला है। व्याख्याता चुन्नू राम भगत को एक बार फिर से जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखंड का विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। जशपुर जिले में हाई कोर्ट के निर्देश का भी पालन नहीं हो रहा है।
कलेक्टर डॉक्टर रवी मित्तल ने 22 अगस्त 2024 को आदेश जारी कर व्याख्याता चुन्नू राम भगत को विकासखंड शिक्षा अधिकारी कुनकुरी पदस्थ कर दिया है। व्याख्याता चुन्नू राम भगत फरसाबहार विकासखंड के शासकीय आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल तपकरा में प्रभारी प्राचार्य के रूप में पदस्थ थे वहीं सीताराम साव कुनकुरी विकासखंड में प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। अब प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी सीताराम साव को शासकीय आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल तपकरा का प्राचार्य बना दिया गया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी सीताराम साहू को कुनकुरी से हटाने के बाद व्याख्याता चुन्नू राम भगत को कुनकुरी विकासखंड का विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है । आपको बता दें व्याख्याता चुन्नू राम भगत पहले भी फरसाबहार विकासखंड में विकासखंड शिक्षा अधिकारी रह चुके हैं। 25 जून 2021 से लेकर 1 जनवरी 2023 तक व्याख्याता चुन्नू राम भगत फरसाबहार विकासखंड में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। जब सरकार के द्वारा दुर्गेश देवांगन की पोस्टिंग विकासखंड शिक्षा अधिकारी के रूप में की गई तब व्याख्याता चुन्नू राम भगत को वहां से हटना पड़ा था।
25 जून 2021 से 1 जनवरी 2023 तक जब व्याख्याता चुन्नू राम भगत विकासखंड शिक्षा अधिकारी फरसाबहार पदस्थ थे, उस दौरान उनकी खूब शिकायत हुई थी क्योंकि वे फरसाबहार विकासखंड मुख्यालय में नहीं रहते थे। वे फरसाबहार विकासखंड मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर कुनकुरी से अप डाउन करते थे। क्योंकि चूनू राम भगत का मकान कुनकुरी में ही है । जब फरसाबहार से उनको हटना पड़ा तब उन्हें हायर सेकेंडरी स्कूल तपकरा में पोस्टिंग की गई थी। इस दौरान भी वे कुनकुरी से तपकरा अप-डाउन किया करते थे। शिकायत थी कि हमेशा स्कूल में लेट से ही आया करते थे। यही वजह है कि शासकीय आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल तपकरा के शिक्षक भी अपने प्राचार्य को देखकर सही समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं । यही नहीं इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी स्कूल समय पर नहीं पहुंच रहे हैं ।स्कूल पूरी तरह से अनुशासनहीनता के घेरे में है।
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी व्याख्याता को विकासखंड शिक्षा अधिकारी नहीं बनाया जा सकता है। हाई कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि ABEO और 5 साल के अनुभवी प्रिंसिपल को ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है। परंतु जशपुर जिले में हाई कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है।
आपको बता दें वर्ष 2022 में व्याख्याता राधेलाल जायसवाल को छत्तीसगढ़ के कसडोल विकासखंड का प्रभारी BEO बनाया गया था। इस आदेश के खिलाफ कसडोल के ABEO रामाकांत देवांगन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें स्थानांतरण नीति के उल्लंघन का उल्लेख किया गया।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिसंबर माह में ही आदेश जारी कर इस मामले में कोर्ट ने 2 दिसंबर 2022 को आदेश पारित किया था। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर राधेलाल जायसवाल को प्रभारी बीईओ के पद से हटा दिया था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक पदोन्नति नियम 2019 के मुताबिक विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी या 5 साल का अनुभव रखने वाले प्राचार्यों को पदोन्नत किया जा सकता है। ऐसे में व्याख्याता से प्रभारी BEO बनाये गये राधेलाल जायसवाल बीईओ की अनिवार्य योग्यता नहीं रखते हैं।
लिहाजा राज्य सरकार ने रामाकांत देवांगन सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी का आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें कसडोल में यथावत रखा था। वहीं राधेलाल जायसवाल व्याख्याता का प्रभारी बीईओ के पद पर किया गया स्थानांतरण रद्द कर दिया गया था। राधेलाल जायसवाल को डीईओ कार्यालय बलौदाबाजार भाटापारा में अटैच किया गया था।