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जशपुर जिले से बड़ी खबर : जशपुर वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय पर महिला वन परिक्षेत्राधिकारी ने लगाए गंभीर आरोप, विगत दो वर्षों से लगातार शारीरिक शोषण करने का प्रयास का आरोप, पूर्व विधायक यू. डी. मिंज को भी वस्तुस्थिति से कराई थी अवगत, 11 नवंबर को आदिम जाति कल्याण थाना में अपराध दर्ज करने दी है आवेदन

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जशपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले जशपुर से बड़ी खबर है। जशपुर वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय पर महिला वन परिक्षेत्राधिकारी ने बेहद ही गंभीर आरोप लगाए हैं। आदिवासी महिला वन परिक्षेत्राधिकारी का आरोप है कि जशपुर वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय विगत दो वर्षों से लगातार शारीरिक शोषण करने का प्रयास कर रहे हैं। महिला वन परिक्षेत्राधिकारी, वनमंडलाधिकारी के इस प्रताड़ना से तंग आकर इस माह के 11 नवंबर को आदिम जाति कल्याण थाना जशपुर में वनमंडलाधिकारी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के लिए लिखित आवेदन दी है।आदिम जाति कल्याण थाना जशपुर को दिए गए आवेदन की कॉपी अब सोशल मीडिया में वायरल होने लगी है। वायरल हुई आवेदन के मुताबिक महिला वन परिक्षेत्राधिकारी के द्वारा कुनकुरी के पूर्व विधायक यू. डी. मिंज को भी वस्तुस्थिति से अवगत कराई थी।

महिला वन परिक्षेत्राअधिकारी ने शिकायत की कॉपी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया में भी दी है। आवेदन में सील के साथ 24 /09/24 पावती दिनांक अंकित है । महिला वन परिक्षेत्राअधिकारी का आरोप है कि डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने दो वर्ष पहले वर्ष 2022 में कुनकुरी के विश्राम गृह में गलत काम के लिए उसे प्रपोज किया था। सहमति नहीं देने पर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने तत्कालीन कुनकुरी के विधायक यू. डी. मिंज से उसके खिलाफ में यह शिकायत किया गया था कि रेंजर अच्छे से काम नहीं कर रही है। महिला रेंजर का आरोप है कि डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने उससे कहा कि तुम यहां से ट्रांसफर करा लो अन्यथा यदि यू. डी. मिंज चुनाव जीत जाते हैं तो यहां तुम काम नहीं कर पाओगी। महिला वन परिक्षेत्राअधिकारी परेशान होकर अपना स्थानांतरण अन्यत्र करा ली। महिला अधिकारी का यह भी आरोप है कि जब वह अन्यत्र अपना स्थानांतरण करा ली उसके बावजूद भी डीएफओ के द्वारा सरकारी काम के बहाने अपने इनोवा कार में बैठाकर उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की जिस दौरान दोनों के बीच में हाथापाई भी हुई।

आदिवासी महिला अधिकारी ने शिकायत की कॉपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग दिल्ली को भी प्रेषित करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

इस मामले को लेकर मोबाइल से चर्चा के दौरान आदिम जाति कल्याण थाना जशपुर के प्रभारी, डीएसपी, भावेश समरथ ने बताया कि महिला आवेदन देने के लिए थाना पहुंची थी इसके बाद उसके बयान के लिए उसको बुलाया गया था लेकिन अब तक वह बयान देने के लिए थाना नहीं पहुंची है। जिसके कारण आगे की कार्यवाही नहीं हो पाई है। आदिम जाति कल्याण थाना जशपुर में पदस्थ एएसआई मार्टिन खलखो ने मोबाइल से चर्चा के दौरान बताया कि इस माह के 11 नवंबर 2024 को महिला के द्वारा आदिम जाति कल्याण थाना जशपुर में उपस्थित होकर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय के खिलाफ आवेदन प्रस्तुत किया गया है। महिला से बयान लेने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर 22 नवंबर को तीन बार कॉल किया गया लेकिन उनके द्वारा ना तो फोन रिसीव किया गया और नहीं मिस कॉल का जवाब दिया गया।

जशपुर वन मंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय पर लगे गंभीर आरोप के संबंध में उनका पक्ष जानने के लिए जब हमने उनके मोबाइल पर संपर्क किया तो उन्होंने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा।

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