सरगुजा। जशपुर के शिक्षक से रिश्वत लेते विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर को एसीबी की टीम ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर सरगुजा जिले के सीतापुर के रहने वाले हैं और सीतापुर विकासखंड में ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ है । आपको बता दें विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर कुछ साल पहले जशपुर जिले के जशपुर विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पद पर भी पदस्थ रह चुके हैं।
जशपुर जिले के रहने वाले शिक्षक चमर साय सरगुजा जिले के बतौली में सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थ थे कुछ माह पहले ही उनका तबादला बतौली से जशपुर जिले के बागबहार के एक स्कूल में हुआ था। तबादला होने के बाद एलपीसी और सेवा पुस्तिका के लिए वे विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सीतापुर का चक्कर काट रहे थे। एलपीसी और सेवा पुस्तिका देने के नाम पर शिक्षक से विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा 15000 की मांग की गई थी जिसकी शिकायत शिक्षक ने एंटी करप्शन ब्यूरो से की थी ।शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने शिकायत की सत्यापन की इसके बाद शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम सीतापुर पहुंची और शिक्षक चमर साय पैंकरा को ₹15000 की राशि जो की केमिकल लगा हुआ था, देकर विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सीतापुर भेजा गया टीम के सदस्यों में विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर ₹15000 की राशि रिश्वत लेते विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर लिपिक राजकुमार प्रसाद और सहयोगी शिक्षक अनुराग बरई को रंगे हाथों पकड़ लिया। घटना के बाद सरगुजा जिला ही नहीं पूरे संभाग में शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक विकासखंड शिक्षा अधिकारी मिथिलेश सिंह सेंगर मूलत: मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं और सरगुजा जिले के सीतापुर में नेशनल हाईवे क्रमांक 43 में ही मकान बनाकर काफी लंबे समय से निवास कर रहे हैं। बताया जा रहा है मिथिलेश सिंह सेंगर विकासखंड शिक्षा अधिकारी का मूल पद व्याख्याता हैं जबकि व्याख्याता विकासखंड शिक्षा अधिकारी पद के लिए पात्र नहीं है।