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छत्तीसगढ़ में अब एक और पत्रकार को ठेकेदार ने दी मुकेश चंद्राकर जैसा हश्र करने की धमकी, पुलिस ने ठेकेदार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351 (3) के तहत किया अपराध पंजीबद्ध

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कोरिया। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और धमकियों की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। हाल ही में बीजापुर जिले में भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद, अब कोरिया जिले के बैकुंठपुर में पत्रकार सुनील शर्मा को ठेकेदार द्वारा धमकी देने का मामला सामने आया है।

पत्रकार सुनील शर्मा ने ग्रामीणों की शिकायत पर घटिया सड़क निर्माण के मुद्दे को उठाया। जांच के दौरान, ठेकेदार ने उन्हें मामले को दबाने के लिए रिश्वत की पेशकश की, जिसे शर्मा ने ठुकरा दिया। इसके बाद ठेकेदार ने उन्हें बीजापुर की घटना का हवाला देते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
सुनील शर्मा के अनुसार, ठेकेदार उन्हें दिन में 21-22 बार फोन कर धमका रहा है। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक को सूचना देने के साथ ही चौंकी में ठेकेदार के खिलाफ लिखित शिकायत आवेदन प्रस्तुत किया जिसके बाद पुलिस ने कोरिया जिले के ठेकेदार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 296, 351(3) के तहत अपराध पंजीकृत कर लिया है।

पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल :
ये घटनाएं पत्रकारों की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करती हैं। सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकारों को धमकियां मिलना और हिंसा का सामना करना लोकतंत्र के लिए खतरा है। इस संदर्भ में, सरकार और प्रशासन से पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

मीडिया की स्वतंत्रता और सुरक्षा की मांग :
इस घटना के बाद राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की मांग की गई है। ऐसे में यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पत्रकार बिना डर और धमकियों के अपने कर्तव्य का पालन कर सकें।

पत्रकारिता समाज का चौथा स्तंभ है, और इसकी स्वतंत्रता और सुरक्षा सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें, ताकि पत्रकार बिना किसी भय के अपने कार्य कर सकें और सच्चाई जनता के सामने ला सकें।

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