जशपुर। जशपुर जिला अपने नागलोक के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां सापों की बहुत सी प्रजातियां पाई जातीं है। ऐसे में मानव का सर्प से अक्सर सामना हो जाता है। ऐसे में लोगों की जीवन रक्षा हेतु मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले में एंटी वैनम दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता के निर्देश दिए गए हैं। जिसके अनुसार कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जिले के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी वैनम दवाइयां उपलब्ध कराई गयीं है। जिससे लोगों को आपात स्थितियों में सहायता प्राप्त हो रही है।
ऐसे ही आपात स्थिति कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कोटिया राजौटी पारा निवासी 51 वर्षीय श्रीमती मुकुटमनी कुजूर को हुई जब रात्रि विश्राम करते हुए 10:30 बजे करेत सांप ने दाहिने पैर के टखने में दंश कर दिया। उन्होंने पूरे परिवार को इसकी सूचना दी और भारी बारिश के कारण आस पास से गाड़ी की व्यवस्था की और कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाने को निकले और इसकी सूचना हेल्प लाइन नम्बर पर दी गयी। जहां बीएमओ डॉ. किरंती कुजूर द्वारा लगातार पीड़ित से संपर्क बनाकर रखते हुए आवश्यक सावधानियों की जानकारी दी। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों द्वारा पीड़ित की जांच की गई, जहां मरीज को पैर में सुन्नपन, घबराहट की जानकारी दीI जांच में मरीज के शरीर में सर्प के काटने का निशान दाहिने पैर के टखने में स्पष्ट दिखाई दे रहा था। जिस पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी के मार्गदर्शन में डॉ. भोजमनिया द्वारा एंटीस्नेक वैनम द्वारा उपचार चालू किया गयाI जिस पर अब पीड़ित मुकुटमनी की स्थिति अब सामान्य महसूस हो रही है। इससे पूर्व भी कुदमुरा में भी एक छोटे से बालक को सर्पदंश हुआ था जिसका रनपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सफल उपचार किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग ने की सर्पदंश से बचाव, सतर्कता एवं जागरूकता हेतु अपील :
स्वाथ्य विभाग ने बरसात के मौसम में सर्पदंश से बचाव और सर्पदंश की स्थिति में क्या करना है, क्या नहीं करना है इस बारे में जानकारी देते हुए आमजन को सतर्क और जागरूक रहने की अपील की है। सर्पदंश से बचाव के लिए विभाग ने कुछ सावधानियां अपनाने को कहा है। जिसमें खिड़की के पास मौजूद पेड़ की शाखाएं और लताओं की कटाई करवाने, रात में घर से बाहर निकलते समय हमेशा जुता पहनने और टॉर्च लेकर चलने, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने और जमीन पर ना सोते हुए पलंग एवं खाट पर घर पर सोने, आंगन और धान्यागार में मौजूद चूहों के बिल, छेद आदि को बंद करने, मवेशी और मुर्गीशालाओं को सोने की जगह से दूर रखने, गोबर और सुखी लकड़ियों के ढेर को घर से दूर रखने के लिए सलाह दी गयी है।
यदि सर्पदंश हो जाता है तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को आश्वस्त करें और शांत रखें, सांप से दूर हो जायें, घाव वाले अंग को स्थिर रखें तथा सर्पदंश वाली जगह पर गहने आदि हो तो निकाल दें और पीड़ित को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जायें। पीड़ित को अत्यधिक दबाव या घबराहट ना होने दें। सांप को मारने की कोशिश ना करें, सर्पदंश वाले घाव को ना काटें ना ही खून निकालने की कोशिश करें, घाव को बांधकर रक्त संचार को रोकने की भी कोशिश ना करें और पारम्परिक तरीके से बैगा, गुनिया से उपचार ना करायें।
आपात सहायता हेतु स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए संपर्क नम्बर :
नागरिको से अपील है गयी है कि सर्पदंश के मामले में तत्काल नजदीकी अस्पताल पहुंचे इसके लिए 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलायें, आवश्कता पड़ने पर 104 पर कॉल करके भी आवश्यक परामर्श लिया जा सकता है। विकासखण्ड स्तर पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी फरसाबहार डॉ. विनय भगत मो.नं. 7987405032, बगीचा हेतु डॉ. सुनिल लकड़ा मो.नं. 7587376008, लोदाम हेतु डॉ. आसुतोष तिर्की मो.नं. 8839993723, मनोरा हेतु डॉ. रोशन बरियार मो.नं. 9753843311, पत्थलगांव हेतु डॉ. जेम्स मिंज मो.नं. 9424180229, कांसाबेल हेतु डॉ. संध्यारानी टोप्पो मो.नं. 8319929221, दुलदुला हेतु डॉ. अंजलि निराला मो.नं. 8224028522, कुनकुरी हेतु डॉ. किरंती कुजुर मो.नं. 9424192468 से भी तत्काल उपचार के लिए संपर्क कर सकते हैं। जून 2025 की स्थिति में जिला में कुल 5425 वॉयल एण्टी स्नेक वैनम उपलब्ध है।