संतोष गुप्ता, जशपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष भीष्म प्रसाद पाण्डेय के निर्देश पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन लाईवलीहुड कालेज जशपुर में किया गया। शिविर मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अमित जिंदल ने बताया कि आई.पी.सी. की धारा 366-क के अनुसार 18 वर्ष से कम की आयु की लड़की को बुरे आशय से ले जाने के लिए उत्प्रेरित करना दण्डनीय अपराध है। आई.पी.सी. की धारा 366-ख के अनुसार 21 वर्ष से कम की आयु की लड़की को बुरे आशय से आयात करना दण्डनीय अपराध है। आई.पी.सी. की धारा 370 के अनुसार किसी व्यक्ति का दुव्र्यापार दण्डनीय है। आई.पी.सी. की धारा 374 के अनुसार किसी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरूद्व श्रम करने के लिए विवश करना दण्डनीय अपराध है। सचिव अमित जिन्दल ने लोगो को आगे बताया कि नालसा (तस्करी और वाणिज्यिक यौन शोषण पीड़ितो के लिए विधिक सेवाएं ) योजना, 2015 द्वारा भी यौन शोषण तथा तस्करी रोकने की दिशा में सार्थक पहल की गई है। जिसमें तस्करी और यौन शोषण के पीड़ितों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना तथा उन्हे मुआवजा दिलवाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तक पहुंचाने की सहायता देना तथा उक्त विषय पर कानूनी जागरूकता तथा कारपोरेट जगत द्वारा भी अपनी सामाजिक जवाबदेही निभाते हुए ऐसे पीडितो के कौशल निर्माण और रोजगार सहित तस्करी के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए उपायों का समर्थन करने तथा उक्त संबंध में सभी स्टेक हाल्डर के संवेदीकरण तथा उक्त क्षेत्र में अन्य संगठनो की सहायता प्राप्त करने का निर्देश है। श्री जिन्दल ने कहा कि उक्त सभी कानूनो के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समाज का जागरूक होना आवश्यक है तथा बताई गई जानकारी के बारे में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति यह ठाने कि आगे वो भी कम से कम दस लोगो को इसके बारे में बतायेगा तो आयोजित शिविर का उददेश्य और सार्थक होगा।