Home छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के कारण प्रभावित बेघर-बार व्यक्तियों के लिए अस्थाई राहत शिविर संचालित...

लॉकडाउन के कारण प्रभावित बेघर-बार व्यक्तियों के लिए अस्थाई राहत शिविर संचालित करने कलेक्टरों को निर्देश, आबंटन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में जिला कलेक्टरों को एक करोड़ रूपए आहरण करने के वित्तीय अधिकार प्रदत्त

42
0

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से सहायता के अनेक प्रावधान किए गए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने आज इस आशय का परिपत्र मंत्रालय महानदी भवन से प्रदेश के सभी कलेक्टरों सह अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को जारी किया गया है। सहायता प्रावधानों के तहत कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन के कारण प्रभावित बेघर-बार व्यक्तियों तथा प्रवासी श्रमिकों के लिए अस्थाई शिविर का संचालन किया जाना है, जहां अस्थाई आश्रय, भोजन, कपड़े, स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रावधान प्रभावशील किया गया है। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत शिविरों के लिए मापदंड अनुसार प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति के लिए प्रतिदिन 60 रूपए भोजन आदि की व्यवस्था के लिए व्यय किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त अस्थाई राहत शिविरों के लिए की गई आवश्यक व्यवस्था पर हुए वास्तविक व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए कलेक्टरों अधिकृत किया गया है।
कलेक्टरों से कहा गया है कि बेघर-बार व्यक्तियों के लिए अस्थाई राहत शिविरों के लिए शासकीय-अशासकीय भवनों, धर्मशालाओं, सामुदायिक भवनों का चयन किया जाए। अस्थाई राहत शिविरों में भोजन, पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। भवनों की क्षमता के अनुसार विभिन्न अस्थाई राहत शिविरों में प्रभावित व्यक्तियों को रखा जाए। गर्मी को देखते हुए पंखे की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। सोने के लिए दरी-चादर की व्यवस्था की जाए। अपरिहार्य स्थिति में पक्के भवन नहीं होने के स्थिति मे टेंट लगाकर प्रसाधन सहित सभी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी अस्थाई राहत शिविरों में आवास, भोजन, शुद्ध पेयजल, निस्तारी हेतु जल, प्रसाधन, बिजली, पंखा की व्यवस्था किया जाना आवश्यक है।
परिपत्र में कहा गया है कि ऐसे सभी व्यक्तियों का स्वास्थ्य परिक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाए। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना के प्रारंभिक लक्षण हो तो उसकी जांच जिला चिकित्सालय में कराई जाए और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुरूप आईसोलेशन हेतु अग्रिम कार्यवाही की जाए। अस्थाई राहत शिविरों में प्रत्येक व्यक्ति के मध्य एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। अस्थाई राहत शिविरों में वृद्धजनों, विधवा, परित्यकता, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जानी है। अस्थाई राहत शिविर का संचालन 14 अप्रैल 2020 तक किया जाए, यदि संचालन अवधि बढ़ाने की आवश्यकता होती है, तब राज्य शासन से आवश्यक अनुमति प्राप्त कर ली जाए। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य आपदा मोचन निधि से विभिन्न मदों के अंतर्गत आबंटन उपलब्ध कराया गया है। इस राशि का उपयोग किया जाए, आबंटन उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में जिला कलेक्टरों को एक करोड़ रूपए आहरण करने के वित्तीय अधिकार प्रदत्त है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत आवश्यकता अनुसार आबंटन अतिशीघ्र उपलब्घ कराया जाएगा। प्रत्येक अस्थाई राहत शिविरों के लिए राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी राहत शिविर प्रभारी के रूप में लगाई जाए। कलेक्टरों से कहा गया है कि उनके द्वारा संचालित राहत शिविरों में रखे गए व्यक्तियों की संख्या तथा 14 अप्रैल तक उन पर होने वाले व्यय की जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को ई-मेल आई.डी. cgrelief@gmail-com तथा फैक्स क्रमांक 0771-2510823 पर शीघ्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here