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कोरोना वायरस से बचाव के लिये ड्यूटी करते समय पुलिसकर्मी बरतें सावधानी, डीजीपी ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को जारी किये दिशा-निर्देश

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रायपुर । छत्तीसगढ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने पुलिसकर्मियों को कोरोना से बचाव हेतु प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि राज्य में नोवेल कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या काफी अधिक है एवं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पुलिस अधिकारी व कर्मचारी निरंतर चौक-चौराहों, पेट्रोलिंग, अस्पतालों एवं अन्य सुरक्षा ड्यूटी में तैनात है साथ ही शहरों में अनलॉक होने के कारण भीड़ वाले क्षेत्रों में भी पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को ड्यूटी करना होता है। इसलिये सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी मानक स्तर का मास्क लगाकर ही ड्यूटी करें एवं आपस में एक-दूसरे से बात करते समय भी मास्क न निकाला जावे। समय-समय पर सेनेटाईजर का उपयोग करें या हाथों को साबुन या हैण्डवाश से साफ करते रहें। कार्यालय, थाने व अन्य कर्तव्य स्थल को नियमित सेनेटाईज कराया जाये। पुलिसकर्मियों एवं उनके परिवारों में किसी प्रकार के संक्रमण का लक्षण पाये जाने पर उन्हें आईसोलेशन में रखते हुए उनका तत्काल कोरोना टेस्ट कराया जावे। अधिकारी/कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया जावे कि उनके परिवार के सदस्य व बच्चे अत्यंत आवश्यक परिस्थितियों को छोड़कर भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें। कर्तव्य स्थल में कार्य के दौरान बैठक व्यवस्था कम से कम 6 फीट की दूरी हो सुनिश्चित किया जाये। मीटिंग आदि यथासंभव वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से किया जावे। संदिग्ध परिस्थितियों या कोरोना से संक्रमित शव स्थल पर पीपीई किट एवं ग्लव्स लगाकर ही जावें, साथ ही संदिग्ध शव का पंचनामा आदि कार्यवाही के दौरान समुचित सुरक्षा उपाय की जाये। इकाई प्रमुख/पुलिस अधीक्षक द्वारा पर्याप्त संख्या में पी.पी.ई. किट का क्रय कर लिया जाये। जब्त बिसरा आदि के संधारण के संबंध में पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जावे। कार्यालय/थानों में किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश के पूर्व उन्हें सेनेटाईजर का उपयोग पश्चात ही प्रवेश की अनुमति दी जावे। अधीनस्थ पुलिस अधिकारी/कर्मचारी व उनके परिवार, जिनमें कोरोना के लक्षण हो या उनके निवेदन पर त्वरित कोरोना टेस्ट करने हेतु संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी से अनुरोध किया जावे। ताकि उनहें किसी प्रकार की जांच कार्यवाही के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कर्तव्यस्थल पर आवागमन के दौरान भीड़-भाड़ क्षेत्रों से बचते हुए यथासंभव पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग न कर स्वयं के साधन का उपयोग किया जाये। यातायात अधिकारी एवं कर्मचारीगण अपनी ड्यूटी के दौरान या चालानी कार्यवाही करते समय आम नागरिकों के बहुत करीब पहुंच जाते हैं। यातायात अधिकारी/कर्मचारीगण द्वारा पर्याप्त दूरी बनाकर कर्तव्य निर्वहन किया जाये।

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