Home राष्ट्रीय आपस में जुड़े बच्चों का छह घंटे चला ऑपरेशन, दोनों बच्चो के...

आपस में जुड़े बच्चों का छह घंटे चला ऑपरेशन, दोनों बच्चो के हिस्से में आया आधा-आधा लिवर

68
0
4 (1)
3 (2)
2 (1)
1 (1)
8 (1)
7 (1)
6 (1)
5 (1)
12 (1)
11 (1)
10 (1)
9 (1)
16 (1)
15 (1)
14 (1)
13 (1)
20 (1)
19 (1)
18 (1)
17 (1)
24
23
22
21
28
27
26
25
32
31
30
29
36
35
34
33
40
39
38
37
4 (1) 3 (2) 2 (1) 1 (1) 8 (1) 7 (1) 6 (1) 5 (1) 12 (1) 11 (1) 10 (1) 9 (1) 16 (1) 15 (1) 14 (1) 13 (1) 20 (1) 19 (1) 18 (1) 17 (1) 24 23 22 21 28 27 26 25 32 31 30 29 36 35 34 33 40 39 38 37

साल भर पहले उत्तरप्रदेश के कुशीनगर के एक गरीब परवार में जन्मे जुड़वाँ बच्चे आपस में एक दुसरे से जुड़े हुए थे। गरीबी के कारण बच्चों के इलाज़ के विकल्प सीमित थे इस बीच मासूमों को लेकर मां-बाप किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) पहुंचे। सोमवार को करीब छह घंटे चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की टीम ने उनके शरीर को अलग कर नया जीवन प्रदान किया। ऑपरेशन के बाद दोनों बच्चों के हिस्से में आधा-आधा लिवर आया। कुशीनगर निवासी दंपती के घर नवंबर 2019 में जुड़वा बच्चे राम-श्याम जन्मे। शरीर की बनावट देख पहली बार में परिवार घबरा गया। पूरे जिले में चर्चा फैल गई। लोग देखने आने लगे मगर, परिवार की दुश्वारी बढ़ती गई। वह इतना सक्षम नहीं था कि कहीं दिखा सकें। बच्चों को लेकर इधर-उधर भटकते रहे। इलाज में देरी के साथ उनका शरीरिक विकास भी होता रहा। लॉकडाउन खुलने के बाद किसी तरह दस दिन पहले बच्चों के पिता गोरखपुर निवासी समाजसेवी की मदद से केजीएमयू आए। यहां पीडियाट्रिक सर्जरी में डॉक्टरों से मिले, जिन्होंने केस को चुनौती के रूप में लिया। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआइ और पैथोलॉजी की जांचें कराईं गईं। आखिर में कुलपति के निर्देश पर सोमवार को ऑपरेशन का फैसला हुआ। पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के हेड डॉ. एसएन कुरील ,जे डी रावत ,सुधीर सिंह ,सौरभ श्रीवास्तव ,गौरव ,सर्वेश गुप्ता ,निरपेक्ष ने सुबह नौ बजे ऑपरेशन प्रारंभ किया। सहयोग में उनके विभाग के अलावा एनेस्थीसिया के डॉ. जीपी सिंह, डॉ. विनीता, डॉ. सतीश, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के हेड डॉ. अभिजीत चंद्रा, डॉ. विवेक कुमार व सीवीटीएस के डॉ. अंबरीश कुमार मौजूद रहे। करीब तीन बजे तक सर्जरी चली और आखिर में डॉक्टरों ने राम-श्याम को शरीर के रूप में अलग-अलग कर दिया।

जुड़े थे चार अंग :
बच्चे का शरीर लोअर चेस्ट से नाभि के हल्का नीचे जुड़ा था। सीने की निचली हड्डी (स्टर्नम का लोअर हिस्सा) काटकर उन्हें अलग किया गया। अच्छी बात रही कि दोनों के दिल अलग-अलग मिले। हां, उसे कवर करने वाली झिल्ली पेरीकॉर्डियम एक थी। लिवर एक ही था, जिसे सर्जरी से आधा-आधा बांटा गया। एक बच्चे में लिवर का लेफ्ट लोब व दूसरे में राइट लोब गया। पेट व चेस्ट को अलग करने वाली सांस की मसल्स (डायफ्राम) भी काटकर अलग की गई।

एक बच्चे का हटा वेंटिलेटर :
बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. शैलीअवस्थी,सहायक प्रोफेसर डॉ सिदार्थ ,डॉ आनंद ,डॉ साक्षी ,डॉ अंशिका की टीम पीआइसीयू में बच्चों की निगरानी कर रही है। मंगलवार को एक बच्चे की सेहत में सुधार होने पर वेंटिलेटर हटा लिया गया। एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों को अभी 10 दिन तक आइसीयू में रखा जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here