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50 प्रतिशत् से कम बारदाना जमा करने वाले ग्राम पंचायत के सचिवों को नोटिस जारी, उचित मूल्य दुकानों के संचालक सीधे बारदाने का नहीं करेंगे विक्रय, अन्यथा होगी कार्यवाही

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जशपुर । कलेक्टर महादेव कावरे ने आज मोबाईल एप्लिकेशन के माध्यम से धान खरीदी, बारदाने का उठाव, मनरेगा के कार्य एवं गोधन न्याय योजना की समीक्षा की। उन्होंने उचित मूल्य दुकानों से बारदाने उठाव को गंभीरता से लेते हुए समितियों में जमा करने के सख्त निर्देश दिए है। आॅनलाईन सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, जिला खाद्य अधिकारी, विपणन अधिकारी, सहकारिता विभाग, सहायक पंजीयक, खाद्य निरीक्षक,पंचायत सचिव, जुड़े थे।
कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले योजनाओ में से एक है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करने की हिदायत कलेक्टर ने अधिकारियों को दी है। उन्होंने सभी आठ विकासखंड के खाद्य निरीक्षक और पंचायत सचिवों से उचित मूल्य दुकानों से बारदाने के उठाव के संबंध में एक-एक करके जानकारी ली। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के लिए सोसायटी में बारदाने की विशेष आवश्यकता है। इसके लिए दिए गए बारदाने के उठाव के लक्ष्य को शत् प्रतिशत् पूर्ण करें।
उन्होंने उचित मूल्य दुकानों के संचालकों को कड़ी हिदायत देते हुएकहा कि बारादाने को सीधे विक्रय करते पाए जाते है तो उनके उपर सख्त कार्यवाही की जाएगी। इसका विशेष ध्यान रखें। उन्होंने आगामी 03 जनवरी 2021 तक उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से राशन का वितरण करवाकर बारदाने खाली करवाने के भी निर्देश दिए है।
उन्होंने आगामी 26 दिसम्बर तक सभी उचित मूल्य दुकानों से खाली बारदाने के उठाव को सोसाटियों में शत् प्रतिशत् जमा करने के निर्देश दिए है। ऐसे ग्राम पंचायत के सचिव जिन्होंने उचित मूल्य दुकानों से 50 प्रतिशत् से कम बारदाने सोसायटी में जमा किए है उनको नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है। समीक्षा के दौरान मनोरा विकासखंड के फूड इंस्पेक्टर को बारदाने उठाव के धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए नोटिस जारी कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने 77 ग्राम पंचायत के सचिव जिन्होंने 50 प्रतिशत् से कम बारदाना सोसायटी में जमा किया है उनको नोटिस जारी करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने कहा कि उचित मूल्य दुकानों के संचालक बारदाने सीधे किसानों को नहीं देंगें। सोसायटी के माध्यम से जमा करना अनिवार्य है। जब किसान सोसायटी में धान विक्रय करने आते है तो सोसायटी के बारदानें से किसानों के धान का पल्टी किया जाता है और तौलाई की जाती है। उन्होंने जनपद सीईओ को जिन गौठानों में वर्मी टांका नहीं बना है वहां वर्मी टांका बना है। साथ ही स्व-सहायता समूह कीमहिलाओं को मल्टी एक्टिवीटी के माध्यम से आजीविका से जोड़ने के लिए कहा गया है। मनरेगा के अधिक कार्य स्वीकृत करके ग्राम वासियों को रोजागर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एसमण्डावी ने बताया कि मनरेगा के तहत् ग्राम पंचायतो में डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, कुआ निर्माण, भूमि समतलीकरण के कार्य स्वीकृत किए जा रहे है। साथ ही लगभग 65 हजार मनरेगा में मजदूर कार्य कर रहे है और 1 लाख मजदूरों को मनरेगा में कार्य देने का लक्ष्य रखा गया हैं।

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