दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 1 मई, 2021 से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले एक साल से लगातार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक भारतीयों को कोविड-19 का टीका लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत, विश्व रिकॉर्ड की गति से लोगों का टीकाकरण कर रहा है, और हम आने वाले समय में इस टीकाकरण अभियान को और अधिक तीव्र गति के साथ जारी रखेंगे।
भारत की राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति सुव्यवस्थित और रणनीतिक एंड-टू-एंड दृष्टिकोण पर आधारित है। ये दृष्टिकोण अप्रैल 2020 से ही लगातार सक्रियता के साथ अनुसंधान एवं विकास, उत्पादन और प्रशासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण का काम कर रहा है। टीकाकरण अभियान की गति को बढ़ाने के दौरान, दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को नियमित रूप से कार्यान्वित के लिए स्थिरता का होना भी ज़रूरी है।
भारत का यह दृष्टिकोण विश्व की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों (ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिसेस), डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एसओपी के साथ-साथ नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 (एनईजीवीएसी) में भारत के अग्रणी विशेषज्ञों द्वारा निर्देशित वैज्ञानिक और महामारी विज्ञान जैसे स्तंभों पर आधारित है।
किस आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत कब की जाए, इस बारे में निर्णय लेने के लिए भारत उच्च प्राथमिकता वाले समूहों तक वैक्सीन की उपलब्धता और कवरेज पर आधारित गतिशील मैपिंग मॉडल का पालन कर रहा है। आगामी 30 अप्रैल तक उच्च प्राथमिकता वाले समूह के अंतर्गत लोगों की एक बड़ी संख्या को वैक्सीन कवरेज मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 को हुई थी। टीकाकरण के पहले चरण में हमारी सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों (एचसीडब्ल्यू) और फ्रंट लाइन कर्मचारियों (एफएलडब्ल्यू) को प्राथमिकता दी गई थी। जैसे-जैसे पहले चरण के टीकाकरण की व्यवस्था सुचारू रूप से आगे बढ़ी और लक्षित समूह को वैक्सीन का लाभ मिला, उसके बाद 01 मार्च, 2021 से टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत की गई। इस चरण में 45 वर्ष से अधिक आयु के उच्च प्राथमिकता वाले लोगों के टीकाकरण पर ध्यान केन्द्रित किया गया। गौरतलब है कि देशभर में कोविड से मरने वालों में सबसे अधिक संख्या (80 फीसदी से भी अधिक) 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की है।
पीएम मोदी के निर्देशानुसार, भारत सरकार ने अनुसंधान संस्थानों से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं, वैश्विक नियामकों तक विभिन्न हितधारकों के साथ पूरी सक्रियता के साथ समन्वय स्थापित किया। सार्वजनिक-निजी सहयोग अनुसंधान, परीक्षण और उत्पाद विकास की सुविधा से लेकर लक्षित सार्वजनिक अनुदान और भारत की नियामक व्यवस्था में व्यापक स्तर पर शासन संबंधी सुधारों जैसे अभूतपूर्व निर्णायक कदमों के माध्यम से भारत की निजी क्षेत्र की वैक्सीन निर्माण क्षमता को सशक्त बनाया गया। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार, भारत सरकार प्रत्येक वैक्सीन निर्माता के साथ नियमित रूप से संपर्क में है। प्रत्येक वैक्सीन निर्माता की ज़रूरतों को समझने और पूरी सक्रियता के साथ उनकी मदद करने के लिए अंतर-मंत्रालयी दलों को वैक्सीन निर्माण स्थलों पर भेजा जा रहा है। वैक्सीन निर्माण को गति प्रदान करने के लिए निर्माताओं को अनुदान, अग्रिम भुगतान, वैक्सीन निर्माण के लिए नई साइट्स स्थापित करने जैसे कामों के लिए निर्माताओं को मदद की जा रही है। राज्य सरकारों को वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक सीधे वैक्सीन निर्माताओं से खरीदने की अनुमति होगी। 18 वर्ष से अधिक आयु की किसी भी श्रेणी के लोगों के लिए टीकाकरण केन्द्र खोलने की भी अनुमति होगी।