जशपुर । जशपुर जिले के अधिकांश विभाग मे भ्रष्टाचार की जड़े मजबूत होती जा रही हैं। शिकायत के बाद भी संबंधित के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से हौसले और बुलंद हो रहे हैं। ताजा मामला वन विभाग का है । तपती धूप मे नंगे पांव तेन्दूपत्ता तोड़ने वाले ग्रामिणो को पारिश्रमिक नहीं मिलने से इस साल अधिकांश ग्रामीणो ने तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम नहीं किया। जशपुर जिले के तपकरा वन परिक्षेत्र के लवाकेरा प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति के अंतर्गत कुल 14 गांव आते हैं जहां हर साल मई माह मे ग्रामीण तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम करते हैं । सुण्डरू ग्राम पंचायत मे तेन्दूपत्ता संग्राहको को पारिश्रमिक नहीं मिलने से इस साल मात्र 55 ग्रामीण ही तेन्दूपत्ता संग्रहण का काम किये। ग्रामीण बताते है वर्ष 2016-2017 मे तेन्दूपत्ता तोड़ने के एवज मे उन्हें बोनस राशि मिलना था लेकिन आज तक उन्हें बोनस राशि नहीं मिला। सुण्डरू ग्राम पंचायत का जयनंदन मांझी बताते हैं वर्ष 2016-17 मे उन्हे तीन हजार रूपये बोनस राशि मिलना था लेकिन आज तक उन्हें राशि नहीं मिला। इस तरह गांव मे अनेको लोग हैं जिन्हें बोनस राशि का भुगतान नहीं हुआ है। यही वजह है कि जिस गांव मे पहले 120 की संख्या मे तेन्दूपत्ता संग्राहक थे पैसा नहीं मिलने की वजह से इस वर्ष संग्राहको की संख्या आधी हो गई। तपकरा वन परिक्षेत्र के सभी गांव जहां तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य होता है , सूक्षम जांच कराई जाये तो तेन्दूपत्ता प्रबंधको पर गाज गिरना तय है लेकिन जशपुर जिले मे जांच कैसे होती किसी से छिपा नहीं। सुण्डरू के फड़ मुंसी राजेन्द्र कालो स्वयं अपने प्रबंधक की पोल खोल रहे हैं।