कोरबा । नशे के खिलाफ चल रहे निजात अभियान से जागरूक होकर संरक्षित जनजाति के पहाड़ी कोरवा परिवार अब नशामुक्त होने लगे हैं। बाघमारा गांव में 12 परिवार ने नशे को ना कहते हुए नशा छोड़ दिया।
बालकोनगर थाना के वनांचल क्षेत्र अजगरबहार के समीप पहाड़ी कोरवाओं के गांव बाघमारा में डेढ़ माह पहले पुलिस ने निजात कार्यक्रम का आयोजन किया था। जहां एसपी संतोष कुमार सिंह ने नशे की लत से खुद को और परिवार को होने वाले नुकसान की जानकारी दी थी। साथ ही पहाड़ी कोरवाओं से बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए नशे को छोडऩे जागरूक किया था।
कार्यक्रम के दौरान ही पहाड़ी कोरवाओं ने नशा छोडऩे संकल्प लिया था। जिसके बाद कई परिवार जागरूक हुए। उन्होंने नशा करना छोड़ दिया। कई घरों में महुआ शराब व माड़ी बनता था जिसे बनाना बंद कर दिया गया। देखते.देखते गांव के 12 पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्य नशामुक्त हो गए। बालकोनगर थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर को इसकी जानकारी हुई तो पहाड़ी कोरवाओं में नशे को ना कहने वाले परिवार की जानकारी जुटाई। पुष्टि होने पर मंगलवार को ऐसे लोगों को बालकोनगर थाना बुलाया गया। जहां उनसे एसपी सिंह ने शॉल भेंट करके उनका स्वागत किया। साथ ही उनसे चर्चा करके भविष्य में नशा से दूर रहने और गांव के दूसरे लोगों को भी प्रेरित करने को कहा गया। इस दौरान सीएसपी विश्वदीपक त्रिपाठी और बालको प्रभारी मनीष नागर उपस्थित थे।
सलोरा-महेशपुर में ग्रामीणों ने खुद ही नशा.बंदी लागू की निजात अभियान के तहत कटघोरा थाना क्षेत्र में चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के असर से वहां पिछले महिने सलोरा व महेशपुर गांव में ग्रामीणों ने खुद ही नशा-बंदी लागू कर दी है। थाना प्रभारी निरीक्षक अश्वनी राठौर के सहयोग से ग्रामीण एकजूट होकर नशा-बंदी का कड़ाई से पालन करा रहे हैं। उक्त गांव की बदलती स्थिति देखकर दूसरे गांव के लोग भी नशामुक्ति के लिए प्रयासरत है।
बालकोनगर थाना में एसपी सिंह से चर्चा के दौरान पहाड़ी कोरवाओं ने बताया कि उनके पास काम नहीं है इस कारण दिनभर खाली रहते हुए वे नशे करते थे। परिवार के लिए उनके पास पैसा नहीं है। उनकी बात सुनकर एसपी सिंह ने बालको थाना प्रभारी निरीक्षक मनीष नागर को नशा छोड़ चुके ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए उन्हें काम दिलाने का निर्देश दिया।