Home छत्तीसगढ़ जशपुर विकासखंड में तिब्बती कालीन निर्माण पर प्रशिक्षण प्रारंभ, महिलाओं को बनाया...

जशपुर विकासखंड में तिब्बती कालीन निर्माण पर प्रशिक्षण प्रारंभ, महिलाओं को बनाया जा रहा आत्मनिर्भर

322
0
4 (1)
3 (2)
2 (1)
1 (1)
8 (1)
7 (1)
6 (1)
5 (1)
12 (1)
11 (1)
10 (1)
9 (1)
16 (1)
15 (1)
14 (1)
13 (1)
20 (1)
19 (1)
18 (1)
17 (1)
24
23
22
21
28
27
26
25
32
31
30
29
36
35
34
33
40
39
38
37
4 (1) 3 (2) 2 (1) 1 (1) 8 (1) 7 (1) 6 (1) 5 (1) 12 (1) 11 (1) 10 (1) 9 (1) 16 (1) 15 (1) 14 (1) 13 (1) 20 (1) 19 (1) 18 (1) 17 (1) 24 23 22 21 28 27 26 25 32 31 30 29 36 35 34 33 40 39 38 37

जशपुर । जशपुर कलेक्टर श्री रोहित व्यास के कुशल नेतृत्व एवं मुख्य कार्यापालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में तिब्बती कालीन निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत जशपुर विकासखंड के बालाछापर महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में 20 मार्च से शुरू की गई है। चयनित गतिविधियों में से एक कालीन निर्माण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के तत्वाधान में एवं जिला खनिज संसाधन न्यास के सौजन्य से करवाया जा रहा है ।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 48 दिनों तक चलेगा जिसमें बालाछापर ग्राम पंचायत एवं आसपास के ‘बिहान’ की स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाएं को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण करवाकर तथा रोजगार से जोड़कर उनके आय ने समुचित वृद्धि किया जाना है । इस प्रशिक्षण में बालाछापर , जामटोली इचकेला , रजौटी की महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं । प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत श्री राजेंद्र राजवाड़े , संभागीय प्रबंधक , छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड सरगुजा संभाग द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिला जशपुर के सहयोग से दिनांक 20 मार्च से किया गया है । यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संभाग स्तरीय प्रशिक्षक श्रीमती चिंतामणि भगत के देख-रेख में किया जा रहा है । प्रशिक्षण एवं उत्पादन हेतु सामग्री हस्तशिल्प विभाग द्वारा प्रदान की जा रही है एवं उत्पादित सामग्री को सीधे तौर पर हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा खरीदने की योजना है। वर्तमान में 20 महिलाओं को मुफ्त प्रशिक्षण के साथ साथ मजदूरी भी प्रदान की जाएगी । यह कालीन तिब्बती कालीन के तर्ज पर आकर्षक एवं सुंदर होगा और अच्छी कीमत पर स्थानीय एवं बाहर के बाजारों के लिए उपलब्ध रहेगा।

प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती सरोज भगत एवं श्रीमती ललिता भगत ने बताया कि ” कालीन प्रशिक्षण बहुत ही रोचक है और निश्चित रूप से रोजगार सृजन की दिशा में सार्थक साबित होगा और हमारे जीवन में धनात्मक परिवर्तन लाएगा ” । प्रशिक्षण पश्चात महिलाओं द्वारा ऑन जॉब उत्पादन शुरू किया जाना प्रस्तावित है एवं वजन एवं गुणवत्ता के आधार पर हस्तशिल्प बोर्ड उत्पादित सामग्री बाय बैक कर लेगी । सामग्री हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा प्रदाय की जाएगी एवं प्रशिक्षण तथा उत्पादन की सतत मॉनिटरिंग भी की जाएगी और बेहतर तथा गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करने और बाजार उपलब्ध कराये जायेंगे । ज्ञातव्य हो कि जिला प्रशासन द्वारा जशपुर जिले में हस्तशिल्प से संबंधित बांस , लकड़ी , छिंद कांसा टोकरी एवं कालीन उत्पादों का गुणवत्तापूर्ण निर्माण एवं मूल्य संवर्धन कर विशेष ब्रांड के तहत विक्रय किए जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here