जशपुर। पिछले एक माह से पूरा देश कोरोना के संक्रमण से परेशान है इससे बचने के लिये विभन्न प्रकार के उपाय ढूंढ रहा है। इस बीमारी से भारत मे कई लोगो कि जान भी जा चुकी है लेकिन छत्तीसगढ के जशपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियो को महामारी के इस दौर मे भी भ्रष्टाचार को अंजाम देकर पैसा कमाने की पड़ी है। कोविड-19 के सेम्पल कलेक्शन के दौरान पहने जाने वाले पीपीई कीट व फेस मास्क की जिले मे गुणवत्ता को ताक मे रखकर खरीदी की गई है । जिलेभर के मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्टो ने इस संबंध मे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शिकायत किया है। मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्टो का आरोप है कि कोविड-19 के सैंपल कलेक्शन के दौरान पहने जाने वाली पीपीई कीट व फेस मास्क बेहद ही घटिया क्वालिटी की है जिसकी वजह से पीपीई कीट पहनने के दौरान ही फट जा रहा है ।
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पीपीई कीट व फेस मास्क घटिया क्वालिटी की होने की वजह से कोविड-19 के सैंपल कलेक्शन के दौरान मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्टो को संक्रमण फैल सकता है जिसकि वजह से जिलेभर के मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट सहमे हुए हैं। इन्हें अपने और अपने परिवार कि चिंता सताने लगी है। शासकीय देवशरण जिला चिकित्सालय मे मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट के पद पर पदस्थ सुषमा रानी ने बताया कि उनकी ड्यूटी कोविड-19 के सैंपल कलेक्शन के लिये जिला चिकित्सालय मे लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के सैंपल कलेक्शन के दौरना पहने जाने वाली पीपीई कीट व फेस मास्क बेहद घटिया क्वालीटी की है। पीपीई कीट को पहनने के दौरान ही फट जा रहा है। उन्होंने बताया कि फेस मास्क को एन-95 कहकर उन्हें उपयोग के लिये दिया गया है लेकिन फेस मास्क भी घटिया क्वालिटी का है व एन-95 नहीं है। सुषमा रानी ने बताया कि उन्होंने सिवील सर्जन को लिखित आवेद देकर इस संबंध मे आवगत करा दिया है कि सैंपल कलेक्शन के दोरान उन्हें यदि संक्रमण होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होगी। छत्तीसगढ़ प्रदेश मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट के जिला संयोजक व जिला चिकित्सालय मे मेडिकल लेब टेक्नालाजिस्ट के पद पर पदस्थ पुरूषोत्तम कुंअर ने बताया कि पीपीई कीट व फेस मास्क की जिले मे खरीदी नियमो को ताक मे रखकर बेहद ही घटिया क्वालिटी की, कि गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के गाईड लाईन को दरकिनार करते हुए पीपीई कीट व फेस मास्क कि खरीदी की गई है। श्री कुंअर ने बताया कि उन्हें केन्द्र सरकार के गाईड लाईन के मुताबिक पीपीई कीट व फेस मास्क नहीं दिया जाता है तो वे सैंपल कलेक्शन नहीं करेंगे।
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मिलि जानकारी मुताबिक जिले के स्वास्थ्य विभाग को कोविड-19 से लड़ने के लिये लगभग एक करोड़ रूपये कि राशि केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा आबंटित की गई है। बताया जा रहा है वर्तमान मे जो पीपीई कीट, फेस मास्क व सेनीटाईजर की जो खरीदी की गई है वह जिला खनिज न्यास निधि से की गई। जिला खनिज न्यास निधि से 15 लाख रूपये का आबंटन स्वास्थ्य विभाग को हुआ है।
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जानकार बताते हैं वर्तमान मे जो पीपीई कीट खरीदी किया गया है वह बाजार मे तीन सौ से चार सौ मे मिल जायेगा उसी कीट को 1150 रूपये मे खरीदा गया है। इस मामले को समझने के लिये स्वाथ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियो से उनके मोबाईल पर संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने मोबाईल रिसीव करना मुनासिफ नहीं समझा। अब देखना होगा इस मामले मे जिला प्रशासन जांच के बाद संबंधितो के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।