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छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू, अब तक 16 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण

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रायपुर । राज्य में चालू सीजन के दौरान तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। इसकी शुरूआत बस्तर संभाग के अंतर्गत सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, बीजापुर जिले में तेन्दूपत्ता संग्रहण हुई है। इसके तहत अब तक 6 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि के 15 हजार 886 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है। राज्य में अब तक 15 हजार 886 मानक बोरा संग्रहित तेन्दूपत्ता में से सबसे अधिक सुकमा वन मंडल के अंतर्गत 13 हजार 334 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हुआ है। इसमें तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 5 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि का पारिश्रमिक दिया जाएगा। इसी तरह वन मंडल दंतेवाड़ा में एक हजार 488 मानक बोरा और जगदलपुर वन मंडल के अंतर्गत 1064 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण अब तक हो चुका है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा राज्य में विभागीय अधिकारियों को शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करते हुए तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य के सुव्यवस्थित संचालन के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित है।
राज्य में चालू वर्ष 2020 में तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। राज्य में लगभग 13 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवारों को तेन्दूपत्ता के संग्रहण से रोजगार उपलब्ध होगा। इसमें तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए संग्राहक परिवारों को लगभग 649 करोड़ रूपए की राशि का पारिश्रमिक दिया जाएगा। राज्य में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य के पहले फड़ मुंशियों से लेकर नोडल अधिकारी तथा जोनल अधिकारियों की नियुक्ति कर ली गई है। अच्छी गुणवत्ता के तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ मुंशियों, कर्मचारियों तथा अधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा तेन्दूपत्ता संग्राहकों को भी संग्रहण कार्य के लिए उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
तेन्दूपत्ता खरीदी करते समय तेन्दूपत्ता की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी हालत में कटा-फटा, दाग वाला, बहुत छोटा तथा कच्चा पत्ता को कदापि क्रय नहीं करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए हैं कि गड्डियों में पत्तों की संख्या 48 से कम तथा 52 से अधिक नहीं होनी चाहिए। वर्तमान में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए शासन के जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत समस्त फड़ मुंशियों तथा फड़ अभिरक्षकों द्वारा तेन्दूपत्ता संग्रहण के पूर्व कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर समस्त संग्राहकों को जागरूक और सुरक्षा संबंधी आवश्यक जानकारी प्रदान की जाए। तेन्दूपत्ता संग्राहक संग्रहण के दौरान मास्क पहनकर तथा एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी रखकर संग्रहण का कार्य करें। संग्राहकों द्वारा संग्रहण पश्चात हाथों को साबुन से अनिवार्य रूप से धोया जाए। संग्रहित पत्ता फड़ पर देते समय भी अनिवार्य रूप से मास्क लगाया जाए।

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