जशपुर। कलेक्टर महादेव कावरे ने आज मोबाईल वेबएक्स के माध्मय से महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारियों और सीडीपीओ की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने आंगनबाड़ी के सीडीपीओ, पर्यवेक्षक, कार्यकर्ता, सहायिकाओं को सुपोषण अभियान का बेहतर क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए है। 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक जिले में सुपोषण अभियान मनाया जा रहा है। अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने का सार्थक प्रयास, गर्भवति माताओं से गृह भेंट करके पोषण आहार के संबंध में जानकारी ली जा रही है। कलेक्टर ने बैठट मे आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका तैयार करने के निर्देश दिए। मोबाईल वेबएक्स के माध्यम से जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी श के.एस.मण्डावी, जिला महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा, जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुश्री विष्मिता पाटले और सभी विकासखंडो के सीडीपीओ सीधे जुड़े।
कलेक्टर ने महिला बाल विकास के सीडीपीओ को आंगनबाड़ी केन्द्रों मे पोषण वाटिका तैयार करने के निर्देश दिए है। साथ ही गृह भेंट करके लोगों को अपने बाड़ियों में साक-सब्जी लगाने और सांप-भिच्छू से बचाव के लिए पलंग में सोने और दिवारों से सटाकर नहीं रखने और मच्छरदानी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने कहा गया है। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सभी सीडीपीओ से एक-एक करके सुपोषण अभियान की गतिविधियों की जानकारी ली और फोटोग्राफ्स के साथ वेबसाईट में भी गतिविधियों को अपलोड करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि गृह भेंट के दौरान कोरोना संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए सोशल डिस्टेंश का पालन अनिवार्य रूप से करें, मास्क लगाएं और कोरोना से सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा है। जिला महिला बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र को 7 सितम्बर से चालू किया गया है। गृह भेंट करके लोगों को सुपोषण के संबंध में जानकारी दी जा रही है और कुपोषित बच्चों को कार्यकर्ताओं के माध्यम से अण्डा का वितरण कराया जा रहा है। साथ ही सुपोषण अभियान के दौरान नारा लेखन निबंध प्रतियोगिता और सोशल डिस्टेंश का पालन करते हुए अनेक गतिविधियां संचालित किया जा रहा है।
कलेक्टर ने सभी सीडीपीओ को स्व-सहायता समूह की महिलाओं को टसर पालन, सेनेटरी पैड, मधुमक्खी पालन के लिए भी प्रोत्साहित करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्व-रोजागर से जोड़ने के लिए सेनिटरी वेड़िग मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी और संचालन करने का कार्य समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बन सके।